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goutam shaw

Romance Others

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goutam shaw

Romance Others

इश्क – इश्क बोल कर

इश्क – इश्क बोल कर

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इश्क – इश्क बोल कर

 इश्क – इश्क बोल कर,

पकड़े रखा, जकड़ रखा,

तुझे हर पल थामे रखा,

इश्क -इश्क बोल कर …

रंग-बिरंगे ख्वाब दिखाकर ,

खुद को बेरंग करता गया,

मन को घायल करता गया,

इश्क -इश्क बोल कर …

कहते हैं लोग……

ये इश्क नहीं आसन ;

दरिया में कूदकर,

इश्क को बचाने का ..

प्रयास करता गया,

इश्क – इश्क बोल कर ….

सोचता ना था..

ना ही सोचा जाता है ;

तू जो साथ ना है जिंदगी,

खुद को फ़ना करता रहा;

इश्क -इश्क बोल कर …

इश्क के दीपक को जलाए रखा,

नाराज़, तन्हा रह कर भी ,

तुझे माफ करता रहा,

इश्क में भी हो जाइए सबेरा,

तुझे हर पल थमा रखा,

इश्क -इश्क बोल कर ?



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