प्यार का मौसम
प्यार का मौसम
प्यार का मौसम आया है
संग ढेरों खुशियां लाया है
सबके चेहरे खिले हुए हैं
मुस्कान अधरों पर लिए हुए हैं
बांहों में बाहें सजी हुई हैं
नज़रों से नज़रें मिली हुई हैं
डूबे हैं खूबसूरत खेला में
ज्यों हंस मिलन की बेला में
प्रेमी ने प्रेयसी को पाया
दिल ने दिल को बहलाया
बातचीत से बेचैनी तक, अब
सफ़र चला है कुर्बानी तक
चारों ओर गुलों की खुशबू
हंसी-ठिठोली हो रू-ब-रू
कभी रूठना कभी मनाना
कभी जुदाई से घबराना...
प्यार की ये बयार चली है
हसीं यार की बात चली है
ये वक्त यूं ही ठहर जाए खुदा करे
सदाबहार हो मौसम रब से दुआ करें।