कौन है वो
कौन है वो
कौन है वो,
चुपके चुपके जो दिल के तारों को छेड़ जाता है,
धीरे से आकर खयालों में सरसराता है
ख्वाबों में जिसका साया सा लहराता है
एक झलक दिखा कर धड़कने बढा जाता है
कौन है वो, जो दिल को बेचैन किए जाता है,
कोई एहसास प्यार का रूह में उतरता जाता है
ख्वाबों में तो जाहिर है
बजाहिर ना नजर आता हैै,
यादों के झरोखों से झांककर जो चला जाता है
कौन है वो
जिसकी यादों में खोई रहती हूं
जिंदा है कोई शख्स
या सराब (छलावा) है कोई
जिसके पीछे पागल सी हुई फिरती हूं
शिद्दत से जिसकी चाहत में
मैं डूबती चली जाती हूं
कि, अपने आप को ही खोती चली जाती हूँ
कौन है वो??? जो----
नजरों के सामने भी है,
नजरों से ओझल भी है
जिंदगी के बाहर भी है
जिंदगी में शामिल भी है
कौन है , कौन है वो ------- जिसकी
की तलाश में ------ दर- बदर
भटकती हूँ-----
जिसकी चाहत में दिवानी हुई फिरती हूं, कि
सैहरा को भी,नखलिस्तान समझने लगती हूँ
कौन है वो------ जिसके पीछे
दीवानी सी हुई फिरती हूँ।