पिकनिक
पिकनिक


पिकनिक खुशी का पर्याय है,
दोस्तों संग-- मस्ती और इंजॉय है
थके तन-मन का उल्लास है--
मस्तियां शोखी और शरारत
इसका दूजा नाम है,
पर, पिकनिक ब्यूटी ही नहीं,
ड्यूटी भी है,
बच्चों की मस्ती
और
अध्यापिकाओं की ख्वारी भी है।
एक अध्यापिका के लिए बच्चों को पिकनिक पर ले जाना,
कैसा लगता है---- इसी को प्रस्तुत करते हुए कुछ भाव-------
डिपार्टमेंट से ऐलान है आया--
बच्चों को है - पिकनिक ले जाना,
स्कूलों में फिर हुई तैयारी
HOS ने मीटिंग बुलाई
सब टीचर्स को वे समझाई--
लोकल टूर की करो तैयारी,
बच्चों को दो-- इनफॉरमेशन सारी
पेरेंट्स से NOC मंगवाओ,
उसकी फिर एक फाइल बनाओ
सुन कर ये ऐलान--मैम का
बच्चे खुशी से फूल गए हैं--
फिर तरह-तरह के प्लान बने हैं,
टीचर तो व्यस्त हैं--
लिस्टों की तैयारी में,
बच्चे भी मशगूल हो गये--
पिकनिक की तैयारी में
पिकनिक का दिन आया
स्कूल में मेला आज लगा है,
बच्चा- बच्चा बना -ठना है,
गपशप का भी दौर चला है,
टीचर को है-- टेंशन भारी,
बच्चे बस में बैठाने हैं,
रिफ्रेशमेंट के पैकेट भी देने हैं,
करते-करते सब तैयारी
बस में बैठ गई सवारी
बच्चों की गिनती थी पूरी,
सुख की सांस भरी टीचर ने--
चल दी बस
दिल्ली दर्शन को--
शुरू हो गई धींगा मस्ती,
बच्चे खुशी से बतियाते थे,
हंसते थे और गाते थे,
टीचर बैठी सोच रही थी,
मन ही मन में मना रही थी---
शांति से यह पिकनिक निबटें
सही सलामत सबको वापस लाऊं
अपनी ड्यूटी मैं निपटाऊं
बच्चों को पिकनिक ले जाना
सच में---बड़ी दुश्ववारी है,
बच्चों का फुल एंजॉयमेंट
टीचर्स की पूरी ख्वारी है,
ये पिकनिक-- सच में न्यारी है!!