बदलेंगे हम जहां
बदलेंगे हम जहां


बदलेंगे जहाँ------ जुमला बोलने में बहुत अच्छा है,
लेकिन अमल करने में थोड़ा कच्चा है
चेहरे पर मुखौटा लगाए, फिरते यहाँ इंसान हैं,
मुनाफ्कत के उसने सारे, तोड़ डाले रिकॉर्ड हैं
केकड़ो की टोकरी सा हो रहा स॔सार है
एक की बढ़ती देख,दूजा टांग खींचने को तैयार है,
अपनी अपनी डपली, सबका अपना अपना राग है
बदले कैसे ये जहाँ, हर शाख पर उल्लू बोल रहे
डाल देश को चूल्हे में, अपनी रोटी सेंक रहे।
बदल डालेंगे हम इस जहाँ को
केवल भाषण बाज़ी है
दिखा सतरंगी ख्वाब जनता को
भावनाओं को लूटते हैं
दे- दे कर झूठे आश्वासन
वोट जो बटोरते हैं
बदलेंगे हम इस जहां को------ कहते कहते
अपनी ही हस्ती को बदल लेते हैं
बदल दिया है, बहुत कुछ इस स्वारथ के व्यापार ने
बेईमानों ने ईमान को बदला
और धोखे ने प्यार को बदला
धन- दौलत ने रिश्ते बदले
इस बदलते जहाँ ने
सब को इस कदर बदल दिया----- कि
दुनिया में इंसान हैं बदले
मंदिर में भगवान हैं बदले।
चाहे कितनी भी दुविधा हो
और कितनी भी कठिनाई
बदल ही डालेंगे इस जगत को
कसम है हमने खाई
उठा मशाल उम्मीद की
कदम बढ़ाओ भाई।