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goutam shaw

Inspirational

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goutam shaw

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कवि गुरू रबीन्द्रनाथ टैगोर

कवि गुरू रबीन्द्रनाथ टैगोर

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पूरब से सूरज निखरता ,

चारों दिशा को जगमाता,

आनंद हो चाहे दुख हो,

टैगोर की कविताएं संग है ।

बंगला के स्वर्णिम अतीत में छिपा है,

टैगोर की रचनाओं में अमिट छाप है।

मिलता नई अनुभूति ,

छिपा गौरव का मान,

टैगोर की रचनाओं,

कवि गुरु अमर हैं।

उनके शब्दों की मधुरता को,

शब्दों के शिल्पकार को,

टैगोर की कविताएं को,

सत सत नमन करूं।


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