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goutam shaw

Drama Tragedy

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goutam shaw

Drama Tragedy

जीने दो मुझे अपने वसूलों पर

जीने दो मुझे अपने वसूलों पर

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जीनो दो मुझे अपने वसूलों पर,
भोगने दो मुझे अपने कर्म को लिखा।
कर्म लिखा ना मिटेगा , ना छुपेगा
सब कुछ दिया वसुंधरा, भोगने दो।

जीवन की चादर में छिपा,
अपने ही किया का पछताना,
कर्मों का संगीत गाते… सुनता,
जीनो दो मुझे अपने वसूलों पर।

हर कदम कर्मों का कहानी बुनता,
वक्त के साथ कर्मों को सजाता।
जीवन के सफर में आगे बढ़ता,
संघर्ष ही है जीवन संजीवनी।


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