चुनावी बरसाती मेंड़क
चुनावी बरसाती मेंड़क
बारिश होनी है चुनाव की,
मेंड़क कर रहे टर टर।
उनकी आवाज़ से वादों की बरसात की धारा,
अपनी गाथा सुनाती हैं।
जैसे पहले के वादे थे
वैसे ही वादों के नाले बह रहे हैं
चौराहों पर बैठे मेंड़कों की आवाज़,
हमें हंसाती हैं।
उनकी मधुर आवाज़ पे मत जाना
खतरा भांप के आगे बढ़ना बस।
