बगुला छाप स्थितप्रज्ञ लोग जेसे मै
बगुला छाप स्थितप्रज्ञ लोग जेसे मै
(बिना खुशी और गम के बारे में कविता लिखने की आवश्यकता है।
जीवन के अनुभवों के बिना, कविता की रचना करने में
एक अलग ही रस है....
बोरिंग स्थितप्रज्ञ
बगुला टाइप भी होवे लोग)
न खुशी न गम, बस एक अद्भुत अहसास।
जीवन की यात्रा, अनगिनत रंगों की तलाश
हर दिन नया सवेरा, हर रात नई चाँदनी।
जीवन की कविता, अनगिनत रूपों की कहानी
बोर होते लोग..
दूसरों को बोर करते हुए लोग
जेसे मैं।
