कभी वक्त बितता जाता कहीं कोई फिर रुक जाता कभी होते ग़म में सराबोर कभी वक्त बितता जाता कहीं कोई फिर रुक जाता कभी होते ग़म में सराबोर
अब बस जेहन में वो यादे ही रह गई हैं , आज आधुनिकता में खो गये हैं ,वो बोर. अब बस जेहन में वो यादे ही रह गई हैं , आज आधुनिकता में खो गये हैं ,वो बोर.
मम्मा में तो सचमुच में ही बोर हो गया सचमुच में ही बोर हो गया। मम्मा में तो सचमुच में ही बोर हो गया सचमुच में ही बोर हो गया।
आई जब अपने दिल की बारी तो अपने मन को में झुठलाती हूँ आई जब अपने दिल की बारी तो अपने मन को में झुठलाती हूँ