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Priyanka Gupta

Others

3.0  

Priyanka Gupta

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मेरे शहर का शोर

मेरे शहर का शोर

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मेरे शहर का शोर 

ना होने देता बोर 

कहीं रात नशे में होती 

कहीं शाम मज़े में होती 

कभी सन्नाटा चारों ओर 

मेरे शहर का शोर 

ना होने देता बोर 


कभी वक्त बितता जाता 

कहीं कोई फिर रुक जाता 

कभी होते ग़म में सराबोर 

मेरे शहर का शोर 

ना होने देता बोर 


कभी पैर में बेड़ी होती 

कहीं क़ैद में बेटी होती 

फिर ना होने देते भोर 

मेरे शहर का शोर 

ना होने देता बोर 


कहीं सुनसान सड़कें होती 

कहीं टूटती परतें होती 

कहीं लूटेरे कहीं चोर 

मेरे शहर का शोर 

ना होने देता बोर 


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