कभी वक्त बितता जाता कहीं कोई फिर रुक जाता कभी होते ग़म में सराबोर कभी वक्त बितता जाता कहीं कोई फिर रुक जाता कभी होते ग़म में सराबोर
नगर में लोग पूछते नहीं हल -चाल वे केवल अपनी जरुरत ही प्रकट करते है नगर में बारिश होती ह... नगर में लोग पूछते नहीं हल -चाल वे केवल अपनी जरुरत ही प्रकट करते है ...
कहीं गरीबों के पिटने पर, शर्मसार दुखपाती सड़कें। और कहीं रोती है देखो। कहीं गरीबों के पिटने पर, शर्मसार दुखपाती सड़कें। और कहीं रोती है देखो।
पहाड़ो के बीचों बीच इन सड़कों का सफर लम्बी दूरियों को कभी वो यूँ ही नापते हुए। पहाड़ो के बीचों बीच इन सड़कों का सफर लम्बी दूरियों को कभी वो यूँ ही नापते...
आज सबकी जो जान पर आ पड़ी है। सूनी हो गयी गालियाँ सूनी हो गयी है सड़कें, आज सबकी जो जान पर आ पड़ी है। सूनी हो गयी गालियाँ सूनी हो गयी है सड़कें,
ये अभ्यारण्य काटेंगे वहाँ पर घर बसायेंगे ये अभ्यारण्य काटेंगे वहाँ पर घर बसायेंगे