सूरज की रौशनी में भी अब तो अंधेरा सा नजर आता है सूरज की रौशनी में भी अब तो अंधेरा सा नजर आता है
पहाड़ो के बीचों बीच इन सड़कों का सफर लम्बी दूरियों को कभी वो यूँ ही नापते हुए। पहाड़ो के बीचों बीच इन सड़कों का सफर लम्बी दूरियों को कभी वो यूँ ही नापते...
फ़िर से मिले हो तुम, अंजान राहों में, इस बार ये राहें, अधूरी नहीं रखना। फ़िर से मिले हो तुम, अंजान राहों में, इस बार ये राहें, अधूरी नहीं रखना।
कल होगा सुख ज्यादा कल होगा सुख ज्यादा
वो मां ही जाने दर्द इसका जिसकी गोद थी सूनी हो गई! वो मां ही जाने दर्द इसका जिसकी गोद थी सूनी हो गई!
उज़ड़ गया मन का चमन ज़मीं से लेकर फलक तक क्यूँ दिख रहे तुम उदास चाँद। उज़ड़ गया मन का चमन ज़मीं से लेकर फलक तक क्यूँ दिख रहे तुम उदास चाँद।