इस बार ये राहें सूनी नहीं करनी
इस बार ये राहें सूनी नहीं करनी
फ़िर से मिले हो तुम,
अंजान राहों में,
इस बार ये राहें,
अधूरी नहीं रखना।
ना छोड़ना फिर से,
ये हाथ मेरा तुम,
की ज़िंदगी फिर से,
सूनी नहीं करना।
एक बार खोया है,
तेरा साथ जीवन में,
छूटा था जब से ये,
तेरा हाथ जीवन में।
मुश्किल डगर वो थी,
तन्हा सफ़र वो था,
जब ज़िन्दगी तो थी,
पर तू ना उसमें था।
फिर लौट आयी हैं,
तेरे साथ सब खुशियां ,
खुशियों के पल मुझसे,
फ़िर दूर मत करना।
ना छोड़ना फ़िर से,
ये हाथ मेरा तुम,
कि ज़िन्दगी फ़िर से,
सूनी नहीं करना।।

