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Priyanka Gupta

Others

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Priyanka Gupta

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क्षत् विक्षत् मूर्तियाँ

क्षत् विक्षत् मूर्तियाँ

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जो समाज के द्वारा क्षत विक्षत कर दी गई हैं

तुम वो टूटी हुई मूर्तियाँ खरीद लोगे न

मनोबल और साहस अब न उनके सिर होगा

देकर साथ तुम उनका फिर से जीवित कर दोगे न

टूट गया है आत्मसम्मान भी अब शायद उनका

तुम थामकर हाथ समाज के निंदाओं से भरे

घुंट पी लोगे न

वो कटे हुए वक्ष से बहता खून और जिस्म के घाव

दे कर सहारा तुम उन जख्मों को भरने दोगे न

वो शायद अब कभी खुलकर हँसेगी नहीं

तुम मंद मुस्कान का कारण बनोगे न

वो अब अंधेरे तहखाने में खुद को बंद कर लेना चाहती है

तुम जलकर ज़रा सा उसे भी रौशन कर दोगे न

यदि नहीं ले सकते तुम वो टूटी मूर्तियाँ

तो आज ही सबके समक्ष फैसला भी कर दो न



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