मम्मा मैं तो बोर हो गया!!!
मम्मा मैं तो बोर हो गया!!!
मम्मा मैं तो बोर हो गया,
स्कूल जाना क्यों हमारा,
बंद हो गया,
जब,
हम स्कूल जाते थे,
कितने मजे तक आते थे,
स्कूल जाकर ,
हम मित्रगण,
कितना उछल कूद मचाते थे,
बैठे-बैठे घर में अब तो,
कितना वेट गेन हो गया,
मम्मा मैं तो बोर हो गया,
जब जाता था,
मैं स्कूल,
आलस ना मुझे सताता था,
घर के बाहर जाकर में भी,
फ्रेश फ्रेश हो जाता था,
अब तो कुछ भी नही,
परमानेन्ट रह गया,
मम्मा मैं तो बोर हो गया,
वो स्कूल के दिन,
हम सबके प्यारे!
ड्राइवर काका,
वह धूम धड़ाका,
सब कितना याद आता है।,
अब सॉल्यूशन,
सिचुएशन का निकलना,
बंद हो गया
मम्मा में तो बोर हो गया।
टीचर के संग बातें करना,
पिकनिक और टूर पर जाना,
सचमुच कितना मजा,
तब आता था,
घर में बैठे-बैठे
पढ़ा लिखा सब,
गोन हो गया,
मम्मा मै तो बोर हो गया,
नोचा - नाची, पकड़ा - पकड़ी,
फिर डायलॉग और
लुक्का छुप्पी,
कितना कुछ हम कर जाते थे,
वो सब भी अब,
फिनीश हो गया,
मम्मा मैं तो बोर हो गया,
कैंटीन की मेज पर जाकर,
हम सब भूख भूख चिल्लाते थे,
तब भैया और गीता दीदी,
आकर हम को धमकाते थे।
यह खेल भी अब तो,
टाइ - टाइ फिस्स हो गया,
मम्मा मैं तो बोर हो गया,
आते जाते बस में हम,
कितना शोर मचाते थे
उतर के बस से स्कूल में ,
सबसे पहले,
गार्डन की ओर दौड़ लगाते थे,
अब तो सब कुछ ही,
वेन्ट वेन्ट हो गया,
मम्मा मैं तो बोर हो गया।।
गार्डन मे जा के
दो चार फूल भी,
तोड़ डालते,
तब रामू काका,
चिल्लाते थे,
अब तो यह खेल भी,
फिनिश हो गया,
मम्मा मैं तो बोर हो गया,
कितना करूं मैं आराम,
कितना करूं मै,
ऑनलाइन क्लास का काम,
बिना सब कुछ देखें,
मजा नहीं अब आता है,
ये सब भी अब तो,
नोनसेन्स हो गया,
मम्मा मैं तो बोर हो गया।।
दोस्तों संग उधम भी अब तो,
प्रॉपर नहीं हो पाता,
यह भी तो कितना,
जरूरी लगता है,
इन सबके बिन,
सब कुछ गो वेंट गोन हो गया
मम्मा मैं तो बोर हो गया।
मम्मा, सीडी पर आते जाते,
हम कितना थे,
मौज मनाते,
पानी पीने के बहाने,
घंटों वहीं पर खड़े हो जाते,
जब आ जाते,
प्रिंसिपल सर तो,
हम सब मिलकर,
दौड़ लगाते,
सीढ़ी पर चढ़ना उतरना भी तो,
क्लोज हो गया,
मम्मा मै तो बोर हो गया,
पहन कर ड्रेस,
टांग के बोटल,
स्कुल जाना,
कितना हमको,
लगता था सुहाना,
अब सब कुछ ही तो
डिस - मिस हो गया,
मम्मा में तो सचमुच में ही बोर हो गया
सचमुच में ही बोर हो गया।
