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Ramesh Mendiratta

Inspirational

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Ramesh Mendiratta

Inspirational

न मारो मुझे मैं नेता नहीं हू

न मारो मुझे मैं नेता नहीं हू

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"बेचारे कुत्तों को क्यों मारा जाय?" विषय पर.. — हल्के फुल्के अंदाज़ में, मगर गहरी बात कहती हुई:

🐶 बेचारे कुत्तों को क्यों मारा जाय?
(एक व्यंग्यपूर्ण पुकार)

सड़क किनारे बैठे थे वो,  
ना नेता थे, ना कोई ढोंगी।  
ना भाषण दिए, ना वादे किए,  
बस पूँछ हिलाई, और थे भोले-भाले जोंगी।

ना टैक्स चुराया, ना घोटाला किया,  
ना संसद में सोए, ना कुर्सी छीनी।  
ना जाति बताई, ना धर्म गिनाया,  
बस रोटी देखी, और  भूख लग आई. 

फिर भी कहें "कुत्ता काटता है!"  
अरे भाई, इंसान क्या फूल बरसाता है?  
कुत्ता तो बस डर के भौंकता है,  
इंसान तो हँस के धोखा खाता है।

कुत्ता ना ट्रोल करता ट्विटर पे,  
ना फेक न्यूज़ फैलाता व्हाट्सऐप पे।  
ना चुनावी रैली में भीड़ जुटाता,  
ना वोट के लिए झूठी कसमें खाता।

कुत्ता ना रिश्वत लेता, ना देता,  
ना फाइल दबाता, ना केस लटकाता।  
ना कोर्ट में तारीख पे तारीख मांगता,  
ना कानून को जेब में टांगता।

फिर क्यों मारा जाए बेचारा कुत्ता?  
क्या सिर्फ़ इसलिए कि वो बोल नहीं सकता?  
या इसलिए कि वो वोट नहीं देता?  
या इसलिए कि वो सवाल नहीं करता?

चलो एक दिन कुत्तों को नेता बना दें,  
कम से कम वफ़ादारी तो निभा देंगे।  
ना पार्टी बदलेंगे, ना दल बदलेंगे,  
ना जनता को झूठे सपने दिखा देंगे।

कुत्ता अगर गलती करे, तो कान पकड़ लेता है,  
इंसान गलती करे, तो बहाना बना लेता है।  
कुत्ता अगर काटे, तो इलाज हो जाता है,  
इंसान काटे, तो देश ही बर्बाद हो जाता है।

तो हे समाज के ठेकेदारों,  
थोड़ा सोचो, थोड़ा शर्म करो।  
कुत्तों को मत मारो,  
कभी इंसानों को भी सुधारो।


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