जिंदगी की आखिरी किताब
जिंदगी की आखिरी किताब
जिंदगी एक सफर है सुहाना।
यहां कल क्या हो किसने जाना।
हमारी लिखी गई कौन-सी किताब आखिरी बन जाए उसको नहीं जाना।
अभी तो हम किताब के पन्ने लिखते जा रहे हैं।
जिंदगी की किताब लिखते लिखते लेखन के दो मंच पर आ गए हैं।
लेखन मंच पर आकर आप लोगों का प्यार पा गए हैं।
साथ में आथर ऑफ ईयर
2022 का खिताब भी पा गए हैं जिसे लेने हमको बुलाया गया है।
11 जून को हम स परिवार को मुंबई जा रहे हैं।
प्रतिलिपि ने हमको गोल्डन स्टार अवार्ड दिया
स्टोरी मिरर ने हमको ऑथर ऑफ ईयर 2022 बना दिया।
हमको और क्या चाहिए जिंदगी में घर वालों ने तो बहुत खिताब दिए।
मगर जब बड़े बड़े मंच भी हमको खिताब देने लगे
तो मन खुशी से भर गया।
अब तो ऐसा लगता है लिखते जाते हैं
लिखते जाते हैं ।
कोई भी किताब हो सकती है आख
िरी।
मगर हमारे जाने के बाद भी हमारी रचनाएं रहेंगी और लोग पढ़ेंगे तो कुछ भी नहीं है आखिरी।
हमको इसका गम नहीं कि हम कब चले जाएंगे।
मगर हमारी लेखनी तो रह जाएगी इसीलिए अपने आप को मानते हैं खुशनसीब कि हमने आपका साथ है पाया।
और जिंदगी में अपने आप को हमने जान पाया।
कि काम करने की उम्र कुछ कोई नहीं होती।
उसमें उम्र की कोई बाधा नहीं होती।
जब भी शुरुआत करो तो पूरे पुरुषार्थ से काम करो तो जीत तुम्हारी जरूर होती है ,यह सिद्धांत हमने बच्चों को सीख लाया।
आज वह हमारे भी काम आया।
जिंदगी की राह में कोई भी किताब आखिरी नहीं है।
जो किताब आखिर में लिखी जाएगी उसको देखने हम होंगे ही नहीं।
मगर हमको उसका कोई गम नहीं।
क्योंकि जिंदगी चलने का नाम है रुकने का नहीं।