पवनचक्की
पवनचक्की


विद्युत है आधुनिक जीवन की पहचान,
छटपटाने लगता है मानव यदि न हो विद्युत,
कुछ क्षणों के लिये भी,
चलते सुख-सुविधा के साधन सभी बिजली से।
पड़ती है आवश्यकता प्राकृतिक संसाधनों की,
करने में बिजली का उत्पादन पारम्परिक तरीक़ों से,
है जिसकी उपलब्धता सीमित व है मूल्य अधिक।
‘आवश्यकता है आविष्कार की जननी’ किया डेनमार्क,
ने कथन ये सत्य, कर विद्युत उत्पादन आधुनिक पवन चक्की से,
कहलाने लगा है डेनमार्क ‘पवनों का देश’,
आवश्यकता है केवल वायु की, उत्पादन के लिये बिजली,
सहायता से पवनचक्की की, है उपलब्धता जिसकी असीमित,
विज्ञान की शान, प्रगति की पहचान है पवन चक्की,
करते गति ऊर्जा उत्पन्न वायु वेग से घ
ूमते पंखे इसके,
रूपान्तरित करते गति ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में,
लगे जेनरेटर पवनचक्की के भीतर।
मिली है उपाधि ‘भविष्य ऊर्जा’ की पवन ऊर्जा को,
अनेकों देश लगा रहे पवन चक्की तीव्र गति से,
है चौथे नम्बर पर भारत करने में पवन चक्की से,
बिजली का उत्पादन अधिक से अधिक गिगावॉट का,
शीघ्र ही पहली पायदान पर पहुँचेगा देश हमारा,
है लक्ष्य करना पूरा पवन चक्की से उत्पादित विद्युत द्वारा
बड़ा भाग भारत की सम्पूर्ण ऊर्जा की आवश्यकता का।
हरित देश की ओर बढ़े कदम होती प्रदूषण रहित ऊर्जा उत्पन्न इससे,
लग जाती सरलता से यह चक्की हो आवश्यकता जहां इसकी,
पहुँचती बिजली मदद से इसकी दुर्लभ व दूर दराज़ स्थानों में भी
सिद्ध हो रही पवनचक्की वरदान विकासशील देशों के लिये।।