समय समय की बात
समय समय की बात
समय समय की बात है
ताना-बाना रिश्तों कहर
पल उलझ ही जाता है
कर लिए हर एक जतन पर
कुछ काम ना आता है
अपनी वाणी मीठी कर ली
कड़वाहट को दूर किया
छोड़ो मीठा बोलो कड़वा क्यूं
सबने मजबूर किया
संयम और शांति की
परीक्षा होते हैं रिश्ते
आज का मानव बढ़ चला
और चुका रहा इन की किशते
विश्वास की लड़ियां लगाई
भावनाओं की कड़ियां सजाई
समय समय की बात है
हमने भी अपने जीवन में
एक सुंदर सी दुनिया बनाई
प्यार जहां तकरार वहां
यही रिश्तों की परिभाषा है
आज गैरों का संग ढूंढे सब
अपनों से ना आशा है
मिट गए अन देखे सपने
शुरू हुआ अनमोल सफर
अपने जाने कहां गुम गए
ढूंढे उनको हरपल नजर
छूट गया अकेलापन भी
जब साथ अपनों का छूट गया
प्यार भरे रिश्तों का सपना
अब आंखों से टूट गया
लो कह देने भर से ही
टूट जाते रिश्ते तो
हर कोई यूं ही कुछ
भी कह जाता
हाथ छोड़ने से ही
छूट जाते रिश्ते तो हर इंसान
खुद को अकेला पाता
अपंगता ना साबित करो
रिश्तों में उन्हें चलाते रहो
अपने प्यार से जिंदा रहते हैं
रिश्ते ना मारो उन्हें सी
छोटी तकरार से
क्यूं ना इन्हें जीवित रखें हम
खुद के व्यवहार से
मिलकर रहेंगे तभी तो
जीतेंगे हम इस संसार से
समय समय की बात है
ना लो बातों को इतना टेढ़ा की
सीधाई भी शर्मा जाए
सोच रखो ऐसी सक्रिय
जो मन में प्यार जगा जाए
कड़वी बातें कब मीठी हो जाएं
और मीठी कब कड़वी बन जाए
याद रहे यह स्थिति कभी भी
अपनों के जीवन में ना आए
रोक लेना तुम उन तूफानों को
गर कहीं पर वो रुक जाए
छोड़ देना उस ज़िद को तुम
जिससे अपने दूर ना जाए
समय का पहिया घूमता रहेगा
ये समय है नहीं रुकेगा
जो बीत जाए बातें उन्हें
याद ना करना मीठी नहीं है
कड़वी तो उन्हें स्वीकार न करना
जमाना तो तमाशा ही देखेगा
जो तुम तमाशा दिखाओगे
खेल रहे हो रिश्तों के खेल तो
खुद ही मदारी कहलाओगे
जान लो ये रिश्ते बनते हैं
दिल से इन्हें निभाना सीखो
यही तो है पूंजी उम्र भर की
इन्हें कमाना सीखो
छूट गए ये हाथ से तो
कुछ ना कर पाओगे
टूट गई जो रिश्तों की डोर तो
हर पल तुम पछताओगे
बस याद रखना मेरे दोस्त
टूटी जो रिश्तों की डोर
तो फिर ना जोड़ पाओगे
तन्हा वो अकेले ही नहीं
तन्हा तुम भी हो जाओगे
समय समय की बात है...
