मेरे भारत में हर दिन एक उत्सव है।
मेरे भारत में हर दिन एक उत्सव है।
मेरे भारत में हर दिन एक उत्सव है।
यूँ तो इंद्र धनुष्य में सात रंग होते है
पर मेरे भारत के आसमान में हज़ारो रंग भरे हुए है।
यहाँ उगता है सूरज, वेदों के मंत्र घोष के साथ।
घरो घरो में बजे घंटा ध्वनियों के साथ
यहाँ सूरज सिर्फ प्रकश की स्रोत नहीं
पर, एक आस है, एक विश्वास है ।
इसलिए उस विश्वास को अर्घ्यः देकर पूजा जाता है।
वसुंधरा भी यहाँ दिलदार है
बरसती ढेर सारा प्यार है।
फल, फूल और औषधियों से सजती है।
बदलते ऋतुवों के साथ लाखो रंग भरदेति है।
त्योहारोमे हर एक रंग को इश्वर को अर्पण कर लोग धन्य हो जाते है।
क्योंकि भारत में हर दिन एक उत्सव है।
भक्ति के रंग, संगीत और संस्कृति का रंग,
प्रेम और वीरता का रंग, अनगिनत रंगो से सजा है भारत माँ का आँचल।
हर मोड़ पर बदलते स्वाद और आस्वाद के रंग.
त्याग तपस्या का रंग, अंत में वैराग्य का रंग।
हर एक रंग से भारतीय सजता है क्योंकि भारत में हर दिन एक उत्सव है ।
संस्कारों की झडी लगी है जन्म से लेकर अंत तक।
जिंदगी की हर एक पड़ाव एक उत्सव है।
सोम से लेकर रवि तक, हर एक दिन भगवान के नाम पर।
प्यार जिंदगी का हिस्सा है, पूजा जिंदगी का श्वास।
मायूसी के लिए यहाँ जगह नहीं।
क्योंकि भारत में हर दिन एक उत्सव है।
होली में प्यार के रंग. दिवाली में उजाले का रंग.
नवरात्रि में नृत्य के रंग. मिठाईयों में मन का मिठास घोलकर
जीवन यात्रा को मीठा बना देता है भारतीय। जीवन को अनगिनत खुशियों से
सजा देता है। कोसो दूर है यह संस्कृति निराशा, खालीपन और अंधकार से।
हर दिन को उत्सव मानकर जीनेकी कला दी है भारत ने विश्व को।
सर्व धर्म से एक सूंदर सा नाता है। सर्वे भवंतु सुखिनः मंत्रौच्चार है.
वसुदैव कुटुम्बकम का भाव है.
जीव से शिव बननेकी हर एक की कोशिश है। इसीकेलिए सबकी तपस्या है।
हर एक दिन को इश्वर का वरदान मानकर जीनेका ढंग है.
जीवन को ही एक उत्सव मानकर जीनेका इरादा है।
मेरे भारत में हर दिन एक उत्सव है।
मेरे भारत में जीवन ही एक उत्सव है ।
भारत की संस्कृति ही पूरी मानवता के लिए एक उत्सव है।
