रबानी
रबानी
जब खुद के लिए
खुद,
काफी हो जाते हो तो,
शुरू होती है एक नयी कहानी।
जब खुद,
स्वयं की
हिम्मत बन जाते हो तो,
बन जाते हो रवानी।
जब मुश्किलों को,
तुम,
हस के गले लागलेते हो तो,
जिंदगी बन जाती है तुम्हारी दीवानी।
जब अंधेरों से निकल कर,
उजाले के तरफ,
चल पड़ते हो तो,
भीगा देती है तुम्हे रौशनी।
जब गम में भी,
मस्त मौला बनकर,
जीने लगते हो तो,
जिंदगी लगने लगती है मस्तानी।
जब हज़ारों दिये जल उठेंगे
तुम्हारे कारण।
तब हो जाती है,
तुम्हारी दुनिया नूरानी।
जब अंदर की नूर,
इश्क़ बनकर
दुनिया संवार देती है तो
बन जाती है जिंदगी रबानी।