काश
काश
समय माँग लिया तुम्हारा
कुछ ज्यादा तो नहीं मंगा?
शायद कुछ ज़्यादा था...
पर चाहते थे तो इतना तो कर ही सकते थे
शायद दुनिया ज़्यादा प्यारी थी
शायद अहम ज़्यादा था
शायद दुरिया ही इतनी थी कि
कभी करीब आ ही नहीं पाए
नहीं होगी गलती तुम्हारी
पर सारा दोष भी तो मेरा नहीं था
हा, गलत समझा तुमको,
पर उसे समझाना भी तो नहीं चाहा तुमने
काश वो वक्त वापस आता
तो कह पति वो सब जो
अब दूरिया बना रही है
काश वो वक्त वापस आता
तो शायद सब खुश होते
तो शायद अब जाना न पाड़ता...