चिट्ठी
चिट्ठी
वक्त थम गया, तुझे देखते देखते,
तुम्हें कुछ एहसास हुआ क्या?
आँखें मिली, प्यार हो गया,
तुम्हें कुछ पता चला क्या?
बता नहीं पाये,
पर तुम्हें कुछ पता चला क्या?
हंसते हंसते , रो भी दिये,
तुमने जानना चाहा क्या?
पर हमें उस पल का एहसास हो जरूर गया कि रास्ते अलग हैं हमारे,
उन रस्तो को एक करने चले क्या…?