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Ranjeeta Dhyani

Romance

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Ranjeeta Dhyani

Romance

हसीन ख़्वाब

हसीन ख़्वाब

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एक हसीन ख़्वाब कल मैंने देखा था

चांद-सा वो मुखड़ा मेरे करीब था...

था वो एक सपना या मेरा नसीब था

एक हसीन ख़्वाब जो कल मैंने देखा था।


चांदनी बिखेरता वो महताब-सा लगा

धुली हुई धूप का वो आफताब-सा लगा

मुस्कराहट देख उसकी अपना-सा वो लगा

मेरी धड़कनों पर उसकी आहटों का असर लगा


एक हसीन ख़्वाब कल मैंने देखा था

चांद-सा वो मुखड़ा मेरे करीब था....

था वो एक सपना या मेरा नसीब था

एक हसीन ख़्वाब जो कल मैंने देखा था।


कमाल था वो ख़्वाब, कमाल की रुत लगी

देख छटा बेमिसाल उसकी, ना मुझे सुध रही

मोहब्बत- ए- शुरुआत की, सुगंध सी लगी....

ना पता ना ठिकाना उसका, बस पाने की लत लगी।


एक हसीन ख़्वाब कल मैंने देखा था

चांद-सा वो मुखड़ा मेरे करीब था....

था वो एक सपना या मेरा नसीब था

एक हसीन ख़्वाब जो कल मैंने देखा था।


अभी तो आरम्भ है ये इश्क़- ए- बंदगी का

बन रहा वो हमसफ़र मेरी ज़िंदगी का...

वक़्त वो भी होगा मिलन- ए- दीवानगी का

साथ खूब भाया मुझे तेरी अनमोल दोस्ती का।


एक हसीन ख़्वाब कल मैंने देखा था

चांद-सा वो मुखड़ा मेरे करीब था....

था वो एक सपना या मेरा नसीब था

एक हसीन ख़्वाब जो कल मैंने देखा था।


मुश्किलों में मेरे संग शामिल तू रहे

मेरी खुशियों में भी सदा तेरा ही रंग रहे

तुझे खुद से दूर मैं कभी कर ना सकूं....

मेरी ज़िन्दगी और ख़्वाब दोनों में तू रहे।


एक हसीन ख़्वाब कल मैंने देखा था

चांद-सा वो मुखड़ा मेरे करीब था....

था वो एक सपना या मेरा नसीब था

एक हसीन ख़्वाब जो कल मैंने देखा था।



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