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काश कह पाऊँ…

काश कह पाऊँ…

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थाम लेना हाथ, कभी जो पीछे छूट जाऊँ.

मना लेना मुझे ,जो तुमसे कभी रूठ जाऊँ..

 

प्यार बहुत है, पर कभी ना भी कह पाऊँ..

निभाना वादा, कि हर मुश्किल में साथ निभाऊँ..

 

कह देना , गर मैं नासमझी में दिल दुखाऊँ.

समझा देना ,गर मैं कोई गलती कर जाऊँ..

 

चाहा है; कि रिश्तों में  मिठास रख पाऊँ,

एक ना मिटने वाला एहसास जगा पाऊँ..

 

क्योंकि...

 

मैं नासमझ ही सही; पर वो तारा हूँ,

जो तेरी हर आरज़ू के लिए, टूट जाऊँ..

  

 


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