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Naman Sharma

Romance

3  

Naman Sharma

Romance

काश

काश

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काश ऐसा दिन भी मेरी ज़िन्दगी में आए, 

तेरी किताब के पन्नों पर मेरा ही नाम आए ! 

जितनी मोहब्बत मैंने तुझसे की है, 

उसका हिस्सा भर मोहब्बत मुझे तुझसे मिल जाए ! 

आहटे तो है मेरे दिल के दरवाज़े पर तेरी, 

एक दिन ये दस्तक भी बन जाए! 

खड़ा हूँ  तेरे इंतेज़ार में तेरे पास ही, 

मेरी नजरों से देख तो तुझे समझ आए ! 

क्या है तू, कौन है तू, 

चाहत है तू या हसरत है मेरी, 

सच कहूँ  तो तू धड़कन है मेरी ! 

बातें करू दिन भर तुझसे अब तो तू आदत हो गयी,

पता भी ना चला दिल को कब तेरी इबादत भी हो गयी ! 

छोड़ दी ख़ुदा की इबादत देख वो नाराज़  होने लगा था, 

मगर देख मेरा प्यार ख़ुदा, सबको ख़ुश रखने वाला ख़ुद रोने लगा था !

 


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