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आनंद कुमार

Romance

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आनंद कुमार

Romance

इंतजार

इंतजार

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जिंदगी कभी कभी उन लोगों के लिए अच्छी नहीं होती,

जो सब के साथ अच्छा करना चाहतें हैं जिंदगी के कुछ मोड़ बड़े भारी होते हैं

कोई अचानक आपको ऐसे ही छोड़ कर चला जाता है बेवजह।


आप सोचते हो ये क्या हुआ सब सही तो चल रहा था ये एकदम से कैसे ?

तुम कहां ग़लत थे ?बस इसी उधेड़बुन में समय कट जाता है।

जिन रास्तों पर तुम उसके साथ चलें थे उन पर दुबारा जाते हैं

इस उम्मीद में शायद वो कहीं मिल जाएं, दिख जाए।

          

बात नहीं होगी ना सही मगर देख कर दिल को ये तसल्ली तो हो जायेगी

जिंदाहै सही सलामत है, खुश है, अकेले है या किसी के साथ है

कोई फर्क नहीं पड़ता वो अब तुम्हारे साथ नहीं है।

हां मगर उसको देख कर खुशी होती है कि कहीं दुनिया के किसी कोने में खुश हैं।


और अपना क्या है वहीं अटके हुए हैं

जहां वो छोड़ गई थी इस इंतजार में कि

शायद वो वहां से कभी गुज़रे और देख कर कहे-

"कि तुम? तुम यहां क्या कर रहें हो ? यहां तो हम आखिरी बार मिले थे"


 और तब तुम कहो-

"इंतजार कर रहा था तुम्हारा।

रोज आता हूं इस इंतजार में कि काश !

तू कभी यही मिले मुझ से और कहों- 

यार, तुम्हारे बिना जिंदगी बड़ी अधूरी सी है,


कुछ कमी है जी तो रही हूं मगर अच्छा नहीं लगता तुम्हारे बिन।

चलो फिर साथ जी कर देखते हैं

 मैं रुठी थी इस बार अगली बार तुम रूठ जाना,

मैं मनाऊंगी तुमको, 

लेकिन फिर साथ जी कर देखते हैं "

इस इंतजार में हैं जिंदगी कट जाती है।


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