वेलेंटाइन स्पेशल
वेलेंटाइन स्पेशल
(1) इज़हार (प्रपोज डे)
अगर हो वक्त तो मिला लेना कॉल हमको
करना है इश्क़–ए-इज़हार इस साल हमको
इंतिजार था हमे कब से सिर्फ इस लम्हें का
ये वेलेंटाइन हमे मनाना है तेरे नाल हमको
(2) इज़हार (प्रपोज डे)
दिल के दबे जज़्बातों को बाहर आने दो
छोटी छोटी खुशियां तुम यूँ ही ना जाने दो
Wish करना हमे नही आता पता है तुझे
छोड़ो यार कह भी दो और ना बहाने दो
(3) इज़हार (प्रपोज डे)
मैसेज में लिख कर भेज रहा था वो दिल अपना
खत्म हुआ MSg.पैक लम्बा बना बिल अपना
साल में एक ही बार होती है बात इस तरह से
फर्क नही पड़ता यार चाहे आ जाये बिल जितना
(4) रोज डे (गुलाब)
इस बार हम नही यार तुम भेज―ना वो प्यार का गुलाब
अंदाज-ए-इश्क़ रखना ऐसा की हूं मैं सल्तनत का नवाब
ऐ साक़ी सुन जरा उन्हें भी पिला देना मोहब्ब्त का शराब
ताकि जो है दिल मे वो आये ज़ुबाँ पर इज़हारे-ए–जवाब
(5) रोज डे (गुलाब)
रोज तो तुम्हे रोज देकर मैं रोज हर रोज मनाता हूँ
रोज को रोज देकर मैं नए सपने रोज सजाता हूँ
इस रोज फिर वही रोज देकर करेंगे इज़हार तुम्हें
अगले सातों―जन्म के लिए तुझे अपना बनाता हूँ
(6) रोज डे (गुलाब)
जिन्हें भूल कर भी भुला ना सके ऐसे हो आप
मेरे जिंदगी का पहला आखरी ख़्वाब हो आप
जब जब जिक्र होता आपका खिल से जाते है
और हमे जिंदा रखें सच मे वो गुलाब हो आप
(7) गुलाब (रोज डे)
पूरा घर आँगन महका जाए वो गुलाब का फूल हो
ऐसे महक में पड़े रहना रह जाएंगे चाहे बत्ती गुल हो
(8) ब्रे-कप (टूटा दिल )
वो हर बार हमसे एक ही बात किया करती थी
कहती थी सुनो कही तुम दूर ना हो जाना मुझसे
करती थी प्यार हमको बेपनाह तो फिर क्यो वो
इजहार-ए-वफ़ा ना किया बता क्या गलती थी।

