insta :- @n.ksahu0007 रचनाकार नाम - प्रेमयाद कुमार नवीन
बेताबी-ए-दिल एक शे'र से कहाँ बयां होगा। बेताबी-ए-दिल एक शे'र से कहाँ बयां होगा।
चाहता हूँ तुम्हें दिल-ए-जाँ से आज भी चाहता हूँ तुम्हें दिल-ए-जाँ से आज भी
इश्क़-ए-ख़्वाहिश अधूरी हो तो रब याद आता है जुदाई गर तन्हाई में तब्दील हो तब याद आता है इश्क़-ए-ख़्वाहिश अधूरी हो तो रब याद आता है जुदाई गर तन्हाई में तब्दील हो तब याद...
घिसी हुई चप्पल बीता हुआ कल दिखाता है। घिसी हुई चप्पल बीता हुआ कल दिखाता है।
बातों को घुमा-घुमा कर क्यो बात करते हो सीधा–सीधा कह दो अब इश्क नही हमसे। बातों को घुमा-घुमा कर क्यो बात करते हो सीधा–सीधा कह दो अब इश्क नही हमसे।
रोज-रोज मेरे सपनों में, तुम आने लगी थी। नये-नये ख़्वाब , ख़्वाबो में सजाने लगी थी।। रोज-रोज मेरे सपनों में, तुम आने लगी थी। नये-नये ख़्वाब , ख़्वाबो में सजाने लगी ...
करते नहीं तुम्हें हम प्यार झूठी बात कैसे कह दे करते नहीं तुम्हें हम प्यार झूठी बात कैसे कह दे
कुछ और वक्त लगेगा शब्द से मोती चुनने में पर पता है कुछ मनोरम लिख जाऊँगा.. कुछ और वक्त लगेगा शब्द से मोती चुनने में पर पता है कुछ मनोरम लिख जाऊँगा..
मै तो इस धरा पर माँ पिता से आया हूँ हाँ जी मै हूबहू अपने पिता का साया हूँ. मै तो इस धरा पर माँ पिता से आया हूँ हाँ जी मै हूबहू अपने पिता का साया हूँ.
निगाहें बेरुखी से भरी लफ़्ज ख़ामोश रहे पर जाते वक्त भी ख़ुशी बिखेर चले जायेंगे। निगाहें बेरुखी से भरी लफ़्ज ख़ामोश रहे पर जाते वक्त भी ख़ुशी बिखेर चले जायेंगे।