गीत बनकर जुबाँ में आऊँगा
गीत बनकर जुबाँ में आऊँगा
तरसती रहोगीं मेरी एक झलक पाने को
जब तेरी दुनियां से बहुत दूर चले जायेंगे
कराके अपने प्यार का एहसास तुमको
हम मिलने को कर मजबूर चले जायेंगे
झूठी मुस्कान होठो में लिए चल रहे है जो
आँखों की नमी से कर रूबरू चले जायेंगे
गीत बनकर ज़ुबाँ में तेरे हर पल आऊँगा
वो गली वो शहर कर मशहूर चले जायेंगे
ये दिल तोड़ने की सजा मिलेगी तुझे भी
जब तेरी दुनियां से बड़ी दूर चले जायेंगे
सादगी भरी मोहब्बत पे मर मिटे है जो
वो इश्क़ निभा कर बेकसूर चले जायेंगे
निगाहें बेरुखी से भरी लफ़्ज ख़ामोश रहे
पर जाते वक्त भी ख़ुशी बिखेर चले जायेंगे।