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N.ksahu0007 @writer

Inspirational

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N.ksahu0007 @writer

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शब्द से मोती

शब्द से मोती

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हर  एक―एक  शब्द से  मोती 

उर मन से चुनकर मै फिर लाऊँगा..

फिर कविता में सुंदर श्रृंगार करके

उसे गीत की तरह गुन-गुनाऊँगा..


बारिश की पहली बून्द बन माटी को

सौंधी सौधी खुशबू से महकाऊँगा..

कुछ इस तरह गीत ग़ज़ल कविता लिखकर

औरो के मन को भी मै हर्षाऊँगा..


घटा में जैसे मै बादल बन जाऊँगा..

धरा की प्यास पानी बन बुझाऊँगा..

अब्र के बादल दूर कर अंतर्मन में

नई ऊर्जा नई चेतना मै जगाऊँगा..


पूर्व से निकल पश्चिम में ढल जाऊँगा

नित सुबह पहली किरण बन जाऊँगा

प्राणी,जीव,जंतु,वनस्पति को जगाके

सब के मन एक बार फिर मै हर्षाऊँगा...


शब्दो से मोती चुन राह नई बनाऊँगा..

अंधेरे को दूर कर रौशनी मै फैलाऊँगा..

साहस भर के पग पग कदम तो बढ़ा

हर पग पग में उजियारा भरते जाऊँगा..


शब्द कुछ टूट रहे कुछ बिखर रहे है

लिख रहे पन्नो पर पर वो मिट रहे है

कुछ और वक्त लगेगा शब्द से मोती चुनने में

पर पता है कुछ मनोरम लिख जाऊँगा..


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