मेरी मंज़िल जिसकी गोद में हैं, वो मुकाँ हो तुम... जिसकी डाँट भी प्यारी लगती है, वो जुबाँ हो तुम... मेरी मंज़िल जिसकी गोद में हैं, वो मुकाँ हो तुम... जिसकी डाँट भी प्यारी लगती है,...
माँ का नाम ही जुबाँ पर आता है। माँ का नाम ही जुबाँ पर आता है।
हम अपना वजूद रख दें तुम्हारे कदमों पर..! हम अपना वजूद रख दें तुम्हारे कदमों पर..!
वरना जीते जी इबादत कौन करता है। वरना जीते जी इबादत कौन करता है।
हाँ सनक है इश्क़ में तेरे पर गवारा नहीं मुझे दूरियाँ यूं किसी भी काऱण से तेरी। हाँ सनक है इश्क़ में तेरे पर गवारा नहीं मुझे दूरियाँ यूं किसी भी काऱण से ...
निगाहें बेरुखी से भरी लफ़्ज ख़ामोश रहे पर जाते वक्त भी ख़ुशी बिखेर चले जायेंगे। निगाहें बेरुखी से भरी लफ़्ज ख़ामोश रहे पर जाते वक्त भी ख़ुशी बिखेर चले जायेंगे।