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ritesh deo

Romance

4  

ritesh deo

Romance

तुम किसी और की तो हो..

तुम किसी और की तो हो..

2 mins
335


तुम किसी और की तो हो..


तुम किसी और की तो हो, पर बहुत ज़रा सी मेरी भी हो

भले ही तुम्हारे दाएं हाथ की छोटी उंगली की नेल पॉलिश में मिलूं

मगर कह सकता हूँ जब भी तुम अपनी नेल पॉलिश देखती होगी

मेरी याद तो आती होगी तुमको, कि तुम्हारे नाखूनों पर उंगलियां फेरने की आदत थी मेरी


तुम आज भी जब गुलाबी सूट पहनती होगी तो मुझको एक बार ढूंढती तो होगी

कि मेरी जैसी तुम्हारी तारीफ कोई नहीं करता होगा आज भी

उस गुलाबी सूट के दुपट्टे का कोना जिसमें धागों के गुच्छे की डिज़ाइन थी

मैंने एक बार उन किनारों को छुआ था, मैं आज भी उस किनारे पर मिल जाऊँगा तुम्हें


तुम्हारा वो काले रंग का क्लचर जिसको बाल बांधते हुए अपने दुपट्टे में अटका लेती थीं

याद है एक बार चुरा लिया था मैंने, फिर दो ही दिन बाद वैसा ही ला कर दिया था

अपने घने बालों में मेरे सारे ख़्वाब बांधे थे तुमने उस क्लचर में

वो क्लचर आज भी रखा है मैंने संभाल कर, किसी दिन मिलीं तुम तो वापस करना है तुमको


तुम्हारी वो छोटे डायल वाली घड़ी जिसमें मुझे कुछ भी नहीं दिखता था

तुम हथेली की तरफ उसका डायल पहनतीं थीं, बहुत धीरे खिसकता था वक़्त उसमें

अगर वो घड़ी आज भी है तुम्हारे पास तो गौर से देखना तुम कभी उसको

मेरा वक़्त रुका हुआ है उस घड़ी पर, उससे कहना कि मुझे कभी आज़ाद न करे


तुम्हारा एक रुमाल जिस पे मेरे नाम का पहला अक्षर धागे से बुना था

जिसको तुम अपनी मुट्ठी में पकड़े रहतीं थीं

एक बार जब तुमने अपने हाथ को मेरे हाथों में दिया था

मैंने चुपके से वो रुमाल ले लिया था तुमसे, तुमने सवालात भरी निगाह से देखा था मुझे

मैंने भी अपनी आंखों से इल्तिजा की थी, तुमने चुपके से वो रुमाल मेरे हाथों में छोड़ दिया था


तुम्हारी इन ही छोटी छोटी चीजों में मैंने अपना घर बना लिया है सालों से

कभी अपनी इन चीजों से दोबारा मिलना अगर हो सके तो

और पूँछना इनसे कि उनमें कौन बसता है, तो वो बताएंगी तुम्हें मेरा नाम

तुम्हें वो चीजें बताएंगी मेरी याद, मेरी खुश्बू, मगर मेरी ही तरह खामोश रहकर.....


तो तुम किसी और की तो हो, मगर अब भी बहुत ज़रा सी मेरी भी हो


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