इंद्रधनुष बन जाऊँ मैं
इंद्रधनुष बन जाऊँ मैं
गीत तुम्हीं पर गाऊँ मैं।
पल पल तुम्हें रिझाऊँ मैं॥
हिरनी जैसी चंचल हो तुम।
कलिका जैसी कोमल हो तुम।
छुवन तुम्हारी मखमल जैसी।
महक उठे वह संदल हो तुम॥
देख देखकर ये दृग प्यारा,
अपना मन बहलाऊँ मैं॥
गीत तुम्हीं पर गाऊँ मैं।
अधरों से टपके रसधारे।
केशों में हैं टँके सितारे।
धवल चाँदनी जैसी काया।
चितवन करते हैं मतवारे॥
रूप तुम्हारा है मनभावन,
बादल बनकर छाऊँ मैं॥
गीत तुम्हीं पर गाऊँ मैं।
मासों में मधुमास तुम्हीं हो।
जीवन का उल्लास तुम्हीं हो।
बूँद पिये पहली बारिस का।
उस चातक की प्यास तुम्हीं हो॥
ये सतरंगी छटा देखकर,
इंद्रधनुष बन जाऊँ मैं॥
गीत तुम्हीं पर गाऊँ मैं॥

