गीत- पुलवामा के अमर शहीदों
गीत- पुलवामा के अमर शहीदों
पुलवामा के अमर शहीदों, हम सब करते तुम्हें नमन।
भारत माँ के वीर सपूतों, रहे तुम्हीं से शांति अमन॥
खोया है सिंदूर किसी ने, और किसी ने खोया लाल।
बहनें खोजें आज कलाई, पितु को ढूंढ़े बाल गोपाल।
देख कलेजा फटा गगन का, हुई धरा जब लहुलुहान।
कांप उठीं थी दशो दिशाएँ, थर्रा उठा देखके काल॥
तड़प तड़प कर बरसे बादल, देख उजड़ते हरा चमन।
पुलवामा के अमर शहीदों, हम सब करते तुम्हें नमन॥
करे कुटिलता धोखेबाजी, देता उग्रवाद का साथ।
सुनले पाकिस्तान प्रपंची, कट जाएँगे तेरे हाथ।
पोषण करता आतंकी का, कैसा है ये तेरा धर्म।
नहीं सुधरता अगर अधर्मी, हो जाएगा दुष्ट अनाथ॥
बस लातों की बात समझता, नहीं चाहिए तुम्हें शमन।
पुलवामा के अमर शहीदों, हम सब करते तुम्हें नमन॥
धर्मयुद्ध से नहीं जीतता, धोखे से करता है वार।
भूल गया ये पाकिस्तानी, अपनी बार बार की मार।
घुसकर मारें घर में तेरे, समझौते से बने न बात।
जाग गयी है सेना अपनी, कर देगी तेरा उद्धार॥
हिंद देश के हे जाबाजों, करो पाक का घोर दमन।
पुलवामा के अमर शहीदों, हम सब करते तुम्हें नमन॥
कुटिल चाल इसकी पहचानों, ये है वही पुराना पाक।
बार बार ये धूल चाटता, नहीं बचा पाता ये नाक।
कुत्ते की दुम सीधी ना हो, रहे नाल यदि बारह वर्ष।
अब तो बाकी एक राह बस, इसे मिटाकर करदो खाक॥
धैर्य छोड़कर करना होगा, वीरों को फिर पाक गमन।
पुलवामा के अमर शहीदों, हम सब करते तुम्हें नमन॥
इन दुष्टों का समय आ गया, करना होगा इन्हें हलाल।
पत्थरबाजों को भी रगड़ो, जो बनते हैं इनके ढाल।
टुकड़े टुकड़े कहने वालों, का नेता जो देते साथ।
पकड़ पकड़ कर उनको ठोको, देशद्रोह जो करे दलाल॥
इन असुरों को ऐसे मारो, करदें मुख से रक्त वमन।
पुलवामा के अमर शहीदों, हम सब करते तुम्हें नमन॥