देशहित को समर्पित योद्धा
देशहित को समर्पित योद्धा
कर्तव्य भार को लेकर वह
नित इधर- उधर डोल रही
जो भी आते हैं मरीज बेहाल
सबकी देखभाल कर सेवा दे रही ।
अनीशा ने अहर्निश काम किया
अकेले सारा वार्ड सँभाला
अन्य डाक्टर छुट्टी ले गये
पर अनीशा ने छुट्टी नहीं ली ।
अपनी एम.एस.की पढ़ाई बिसरा
बाईस बाईस घंटे काम किया
उसे न खाने का समय मिलता था
न सोने या आराम का समय कुछ था।
उसने कोविद में भी काम किया
अनवरत कार्य भार सँभाला
सबकी तुरन्त देखभाल करती
सबका ख़्याल प्रतिपल रखती।
खुद का आराम बिसरा दिया
ड्यूटी की ऐसी लगन थी
ऐसा अद्भुत समर्पण था
देश का नाम ऊँचा किया।
ऐसे ही समर्पित लोग
इस देश की शान हैं
जो नाम यश से दूर
अपने काम में व्यस्त हैं।