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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Drama Action

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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Drama Action

शिक्षक और पुरस्कार

शिक्षक और पुरस्कार

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शिक्षक और पुरस्कार

विधा- कविता

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ज्ञान का दीपक जब चले,

मिट जाता जगत अंधकार,

उजाला बिखरता चहुं ओर,

बढ़ता जाये जन जन प्यार।


शिक्षक ऐसा दीपक होता,

तम को पल में मिटा देता,

शिष्य रूपी ही बटोही का,

अंधकार सारा ही हर लेता।


ज्ञान का दीपक कह रहा,

अनपढ़ता होती अभिशाप,

शिक्षा रूपी वो मूलमंत्र है,

कर लो बस उसका जाप।


ज्ञान का दीपक पार करे,

नैया जब खाये हिचकोले,

अपनी अनपढ़ता के पाप,

पवित्र नाम गंगा में धो ले।


नहीं जरूरत है पुरस्कार,

बस करते रहना है काम,

शिष्य को यूं आगे बढ़ाना,

करो काम बस निष्काम।।


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