बेक़रारी मिलेगी मोहब्ब्त में
बेक़रारी मिलेगी मोहब्ब्त में
बेक़रारी मिलेगी मोहब्बत में , और चैन तेरा खो जायेगा..
तड़पेगा दिल उसी याद में, उन्हें पल भर न याद आयेगा..
दर्द ही दर्द मिले इस राह में , वादा-ए-वफ़ा जब
टूट जायेगा...
शीशे सा इक दिल है मेरा , टूटेगा तो न फिर वो
जुड़ पायेगा...
हाँ बेशक भूल जाओ हमें ,ये गम-ए-शाम भी बीत
जायेगा...
ये चाहत ना-समझ रही, ये धीरे-धीरे प्यार में बदल जायेगा...
तेरे जैसा न कोई था न है न होगा प्यार किसी से
तेरे जैसा न कोई था न है न होगा प्यार किसी से
मरना भी पड़े तो मर जायेंगे जान हँसी ख़ुशी से
हाँ बेशक भूल जाओ हमें , गम नहीं कोई हम दम
तुम ही दिल की हमनवा , तुम ही दिल की धड़कन
मुस्कुराएगी दबी सासो में , ख़्वाबो में जब वो याद आयेगा..
इश्क चिंगारी सुलग है उठी, अब धुंआ धुंआ सा रह जायेगा..
खत लिखा जिस एहसास में , वो तुम्हे क्या नजर
आयेगा..
दिल की कलम से जो लिखा , आब में आग लगा जायेगा..
ढ़ेरो खत लिखा हमने तिरे याद में, कभी तो पैगाम आयेगा..
जो लफ़्जों से बयां न हुआ ,वो इज़हारे दिल जवाब आयेगा...
वो रात ही तो खत्म नहीं होती हैं, अंधेरा कितना
उजाले भी होते जब हो,कहने वाला कोई अपना
दूर न रहो है गर इश्क , तुम्हे तो इज़हार करो।
हमे तुम जरा समझो , थोड़ा तो एतबार करो।।