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ca. Ratan Kumar Agarwala

Romance

4  

ca. Ratan Kumar Agarwala

Romance

तेरे आने की खबर

तेरे आने की खबर

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तेरे आने की खबर से, महक उठा मेरी यादों का आँगन,

तेरे पायल की झंकार से, गूँज उठा मेरी यादों का प्रांगण।

तुम जब लहराती थी केश अपने, मन मेरा धड़क उठता था,

निहारता था जब तेरा मुखड़ा, मन मेरा बस में न रहता था।

 

जब से मिली है खबर तेरे आने की, मन हो रहा बेचैन,

बार बार देखता हूँ द्वार की ओर, खो गया दिल का चैन।

मुद्दत हुई तुम्हें गये हुए, अब नहीं सहा जाता अकेलापन,

तेरे आने की खबर से, चहक उठा है फिर से यह चमन।

 

बड़ी देर कर दी इस बार आने में, काश तुम पहले आ जाती,

खूब करते हम बैठकर बातें, पुरानी यादें सब ताजा हो जाती।

वो तेरे संग बैठकर चाय पीना, घंटों पार्क में यूँ ही बैठना,

छोटी छोटी सी बात पर, तेरा गुस्सा होना और मेरा मनाना।

 

याद आता हैं मुझे, तेरा वह घूर घूर कर मेरी ओर देखना,

मेरे घर के सामने की उस खिड़की में, तेरा घंटों खड़े रहना।

चाय की पत्ती लेने के बहाने, तेरा मेरे घर की घंटी बजाना,

कभी सब्जी देने आना और फिर घंटों तेरा यूँ ही मुस्कुराना।

 

बड़े सुहाने थे वो दिन, जब तुम और मैं होते थे पास पास,

जब से चली गई तुम पिछली बार, मिट गई मन की आस।

अब जो खबर मिली तेरे वापस आने की, मिला बड़ा सुकून,

गूँज रही प्रीत की धुन मन में, बज रहा चाहत का तरन्नुम।

 

समय बस यूँ ही गुजर गया, तुम कहीं बहुत दूर चली गई,

तेरे आने की खबर से, खोई हुई सारी वो चाहत लौट आई।

अब तो साथ कोई नहीं मेरे, पर याद आते हैं सारे वो पल,

जब से खबर मिली तेरे आने की, बाँट जोह रहा हूँ हर पल।


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