मेरे साथी
मेरे साथी
मेरे साथी, तुम कहां हो
बेचैन मेरी तबीयत, उदास मेरा मन
ढूंढता है तुमको, कहां हो तुम
कुछ खबर दो, कोई पता दो
कोई खत नहीं, कोई बात नहीं
क्यों रूठे हुए हो
तुम ठीक तो हो मेरे साथी
खैरियत से रहना
मेरी जान तुममें अटकी है
जरा मेरा ध्यान करना
तुम नहीं तो मैं भी नहीं
मेरे प्रेम मेरे जीवन मेरे अमृत
मेरे ख्वाबों में मेरे ख्यालों में
बस तुम ही तुम हो
तुम्हारे बिना मैं कुछ सोच भी नहीं पाता
और मेरी समझ भी शून्य हो गयी है
कोई सन्देशा तो भेजो मेरे साथी
तुम नहीं आ सकते तो मुझे कहो
मैं दौड़ा चला आऊंगा पल भर में
क्या रोक है, क्या टोक है
क्या कोई तीर तलवार की नोक है
क्या तुम किसी बंधन में हो
मैं चट्टानों को चीरकर
समंदर पर दौड़कर, तूफ़ानों के रुख मोड़कर
चला आऊंगा हर हाल में
फिक्र न करो, बस कैसे भी संकेत करो मेरे साथी
तुम बिन मेरा सावन सूखा
तुम बिन मेरा वसंत रूखा
तुम बिन हर बहार पतझड़
हवाओं कुछ पता दो, वृक्षों कुछ खबर दो
पंछियों तुम ही बता दो
क्या देखा है तुमने मेरे जीवन को
मैं मुरझा रहा हूँ, मैं बस मिटा जा रहा हूं
मेरे निकट आओ मेरे साथी
दर दर ढूंढता हूं
घर घर ढूंढता हूँ
हर गली हर कूचे में तलाशता हूं तुम्हें
कहीं तुम लुका छिपी का खेल तो नहीं खेल रहे हो
ऐसा भीषण मज़ाक कर रहे हो तो सुनो
देखो - - - - मैं मर जाऊँगा मेरे साथी
छूटी जाती सीने से साँस
निकला जाता शरीर से दम
महफ़िलों में भी वीरानी लगती
दिल हुआ जाता छलनी छलनी
आंखें बस हर ओर तुम्हें निहारती
नसों में बहती लहू की बूंद बूंद तुम्हें पुकारती
तुम दिख जाओ तो मर सकूं चैन से
तुम्हें देखे बिना तो मर भी नहीं सकता सुकून से मेरे साथी
मेरे दोस्त मेरे हमदम मेरे हमनवां
मुझसे मिलो, मुझे पता दो, मुझे बताओ
कुछ कहो, क्या बात है
अपने होने का कुछ तो प्रमाण दो
क्या तुम नाराज हो, मिलना नहीं चाहते
मैं पसंद नहीं तुम्हें, तो भी कहो
मैं स्वयं हट जाऊँगा तुमसे दूर
तुम खुश रहो, मैं तो बस यही चाहता हूं मेरे साथी।