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Devendraa Kumar mishra

Abstract

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Devendraa Kumar mishra

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मौन

मौन

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जब कोई न सुने तुम्हारी बात 

तो मौन रहना ही ठीक है


भविष्य में झांकने से बेहतर है 

वर्तमान में जीना ठीक है 


जब कोई अनदेखा करे बार बार 

तो उसे भूल जाना ही ठीक है 


जब कोई सिला न मिले प्यार का 

तो दिल से दूर कर देना ही ठीक है 


इतना आसान नहीं है मानता हूं 

किन्तु सुकून दिल के लिए ठीक है।


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