Devendraa Kumar mishra

Romance

4  

Devendraa Kumar mishra

Romance

दिल

दिल

1 min
318


शीशा टूट गया, कोई बात नहीं 

दिल न टूटने पाए 

दिल टूटने पर जुड़ते नहीं 

आदमी मर जाता है 


बेवफाई न करें 

हत्या का दोष लगता है 

कानून सजा भले न दे 

ईश्वर माफ नहीं करता


आदमी की आह, कराह बेकार नहीं जाती. 

प्यार करें तो प्यार करें, मज़ाक ना करें 

मज़ाक करना हो तो कह दे पहले 

मज़ाक है प्यार नहीं 


वैसे भी प्यार करना सबके बस की बात नहीं. 

मज़ाक तो कोई भी कर सकता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance