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Devendraa Kumar mishra

Others

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Devendraa Kumar mishra

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अनदेखा

अनदेखा

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किसे अनदेखा कर रहे हो 

जिनके पास वोट मांगने जाते हो 

हल नहीं है तो समय ले लो निवेदन सहित 

गुमराह मत करो इधर उधर की बातों में उलझा कर. 

हम जनता हैं, आप सरकार हैं 

एक दूसरे से जुड़े हुए हैं 

फिर ये अनदेखा करके जलील करने की हरकत मत करो 

जहाँ बैठे हो, हमारी वज़ह से, हमारे कारण 

फिर उल्टे सीधे नियम बनाकर परेशान मत करो. 

तुम्हारी नजर में जरूरी होगा. बंद, पैबंद, लॉक डाउन, नोट बंदी 

किन्तु हमारी परेशानियों पर भी गौर करो 

समाधान कर दो फिर चाहे जो मन हो करो 

नियम कानून बनाकर खुद को शाबाशी मत दो 

पहले देख लो इससे जनता जनार्दन पर क्या असर होगा 

हमारी रोटी का इंतजाम कर दो 

ज्यादा की मांग नहीं है, तुम पूरी कर भी नहीं सकते 

दो वक़्त की रोटी और सुकून तो मत छीनो

ज्यादा अनदेखी से सरकार बदल जाती है 

समाधान नहीं है तो न सही, जो है उसे तो रहने दो 

कहना है अगर कुछ हमें तो मुहं मत सिलो

अपनी बात तो कहने दो. 



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