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garima agarwal

Abstract Tragedy Others

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garima agarwal

Abstract Tragedy Others

लम्हें जिंदगी के

लम्हें जिंदगी के

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यहाँ हर रिश्ता मतलब से जुड़ा है,

प्यार सच्चा है या झूठा, ये तो बस प्यार करने वाले को पता है!

आता है तूफ़ान तो गिर जाता है संगमरमर का मकान भी,

तूफ़ान को कहाँ पता है कि 

ये झोपड़ी ग़रीब की नहीं अमीरों का आशियां खड़ा है!!

जिंदगी जब इम्तिहाँ लेने पर आती है,

कमज़ोर इंसान को मजबूत और

मजबूत को कमज़ोर बना जाती है!


तपता है जब कोई परीक्षा की अग्नि में,

तो पत्थर मोम और मोम पत्थर बन जाया करता है!!

यहाँ अक्सर तैरने वाला डूब जाता है, 

और डूबा हुआ किनारा पा जाता है! 

ये लम्हें है जिंदगी के 

जो कभी खुशियाँ तो कभी गम का सैलाब दे जाते हैं!! 


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