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Kanchan Prabha

Abstract

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Kanchan Prabha

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महिला का ये सम्मान नहीं

महिला का ये सम्मान नहीं

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महिला दिवस पर कार्यक्रम करना

महिला का सम्मान नहीं

महिला को फ्री टिकट करना

महिला का ये मान नहीं

नजरों मेंं हो हवस भरी और

भाषण मेंं नारी सशक्तिकरण

बेटी बेटी करते रहना

और कोख में बेटी का मरण

महिला का सम्मान नहीं

समारोह में सम्मानित करना

महिला का ये मान नहीं

अन्धविश्वास के नाम पर

उसे दबाना ठीक नहीं

घर की चारदीवारी मेंं

बन्द कर हिफाजत ठीक नहीं

ये बँधन है सम्मान नहीं

अपना निर्णय उस पर थोपना

नारी का तो मान नहीं

मिट्टी का पुतला समझ समझ

यातना दे कर तोड़ते रहना

दूर गगन मेंं उड़ने की इच्छा

और खुली हवा से बंचित रखना

महिला का सम्मान नहीं

परम्परा के जंजीर में जकड़ी

नारी का ये मान नहीं

कभी ये माँ तो कभी बहन है

कभी ये जीवनसाथी है

धरती पर उतरी नीलगगन से

सबसे अनोखी जाति है

बस इतनी सी बात समझना

महिला का सम्मान नहीं

पावन धरती माँ कह देना

नारी का ये मान नहीं

महिला दिवस पर कार्यक्रम करना

महिला का सम्मान नहीं



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