STORYMIRROR

garima agarwal

Abstract Others

3  

garima agarwal

Abstract Others

झूठ और सच

झूठ और सच

1 min
344


झूठ की मिठास और सच की कड़वाहट

सच चाहे जितना भी कड़वा हो

पर सुनने वाले को कुछ या उस पल के लिए

दुःख देता है

पर वो सच और उसकी कड़वाहट

उसके भावी जीवन को सुख से भरने की

वो दवाई है जो धीरे धीरे असर करती है

परन्तु उसके जीवन से बहुत सी

समस्याओं को दूर कर देती है।

इसके विपरीत झूठ बहुत मीठा होता है

सुनने वाले को बहुत आनन्द देता है

पर बस तब तक जब तक

उसे सच का अनुभव न हो

जैसे ही उसे सत्य का ज्ञान होता है

उसका वो मीठा आनन्द एक ही पल में

गहन दुःख में परिवर्तित हो जाता है

और वो जीवन भर उसे कष्ट देता है।

‌'अतः प्रयास करें की चाहे जितना भी कठिन हो

और कटु हो ,पर सच ही बोले।"


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract