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Kajal Manek

Abstract

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Kajal Manek

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जिंदगी

जिंदगी

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प्रेम का दूसरा नाम है जिंदगी,

अपनेपन का पयाम है जिंदगी,


अपनों की बातें हों अपनों का हो साथ,

हाँ बन जाती है ऐसे में बिगड़ी हर बात,


जी भर के जी लो दोबारा नहीं मिलेगी,

कुछ कर गुजरने का नाम है जिंदगी,


थोड़े आंसू हैं थोड़ी हैं खुशियां,

थोड़ी यादें हैं थोड़ी हैं मस्तियां,


कभी कड़वी तो कभी मीठी है जिंदगी,

कभी दुश्मन तो कभी पक्की सखी है जिंदगी,


थोड़ी कामयाबी है थोड़ी है नाकामियां,

थोड़े इल्ज़ाम हैं थोड़ी हैं परछाइयां,


अपनों की खुशी के लिये अपनी खुशी का त्याग है जिंदगी,

जब तक हो अपनों का साथ बस तब तक आबाद है जिंदगी।


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