अधूरापन
अधूरापन


एक अधूरापन है,
एक अकेलापन है,
कहने को हैं सब यहां,
पर कोई दिल का दर्द
समझने वाला अपना कहां,
एक खालीपन सा है,
वो जो अंधेरे से हौले से मुस्काता है,
कुछ कुछ मेरे बचपन सा है,
किस मोड़ पर लायी है जिंदगी,
न कोई अपना है जहाँ न पराया ही,
न किसी के नाराज होने का डर है,
न किसी से मिलने की तम्मन्ना है,
गुजरा जमाना कैद है खाली गलियों में,
वहां यादों भरा बचपन सा है,
आज वहां भी एक अधूरापन सा है।