याद
याद


न चाहते हुए भी उसकी याद आ ही जाती है
मन को तकलीफ और टीस दे ही जाती है
याद आता है उसका चेहरा
जिसे देखे अरसा हो गया
अंधेरा है कितना गहरा
मेरा चाँद न जाने कहाँ खो गया
मन घबराता है पुरानी बात जब याद आती है
उसका स्पर्श याद आता है आंखे भीग जाती है
जब सोती हुं दर्द नही होता
नींद मे ये दर्द मुझे नही चुभता
उठने पर फिर सांसे तेज हो जाती है
न चाहते हुए भी उसकी याद आ ही जाती है।